जालंधर - भारतीय क्रांतिकारी माक्र्सवादी पार्टी (आरएमपीआई) के नेताओं द्वारा आज यहां की गई एक प्रैस कान्फ्रैंस द्वारा केरल में सी.पी.आई.(एम) के अवांछित तत्वों द्वारा सरकारी संरक्षण का लाभ लेते हुए आरएमपीआई वर्करों पर प्राणलेवा हमले करने, पार्टी नेताओं के घरों तथा हमदर्दों की दुकानों में तोड़ फोड़ करने, उनके वाहनों में आग लगाने, उल्टा पीडि़तों पर ही झूठे मुकदमें दर्ज करने, कालीकट जिले के कस्बा ओंचीयम में पार्टी कार्यालय पर हमला करके राज्य सचिव कामरेड एन वेणू को कत्ल करने का प्रयास करने एवं शहीद साथी टी.पी. चंद्रशेखरन की यादगारों को ध्वस्त करने की जोरदार निंदा की है। पार्टी महासचिव साथी मंगत राम पासला ने बताया कि पार्टी की केेंद्रीय समिति ने सी.पी.आई (एम) की प्रतिदिन तेज हो रही गुंडागर्दी का गंभीर संज्ञान लिया है। उन्होंने दोष लगाया कि यह गुंडे पार्टी परिवारों की महिलाओं तथा बच्चियों से भी अभद्र व्यवहार करते हैं। विशेषत: पार्टी के शहीद साथी टी.पी. चन्द्रशेखरण की पत्नी कामरेड के.के. रेमा, जो कि पार्टी की केंद्रीय समिति की सदस्या भी हैं, के विरुद्ध सोशल मीडिया में बेहूदा एवं अभद्र प्रचार कर रहे हैं, जो कदाचित सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि सी.पी.आई.(एम) के केंद्रीय नेतृत्व को यह गुंडागर्दी रोकने की अपीलें बार-बार की जा चुकी हैं। परंतु फिर भी यह दरिंदगी रुकने का नाम नहीं ले रही। इसी के परिणामस्वरूप आज दर्जनों कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल अवस्था में विभिन्न अस्पतालों में ईलाज के लिए दाखिल हैं तथा 14 साथी झूठे मुकद्दमों के चलते जेलों में बंद हैं।
साथी पासला ने कहा कि आरएमपीआई महसूस करती है कि संघ परिवार के निरंतर बढ़ रहे फासीवादी कुकृत्यों एवं मोदी सरकार की साम्राज्यवाद निर्देशित नवउदारवादी नीतियों के चलते मेहनतकश वर्गों की दिनों दिन विकराल रूप धारण करती जा रही मुसीबतों के खिलाफ वाम एवं जनवादी शक्तियों की एकजुटता आज की सब से बड़ी जरूरत है। उक्त उद्देश्य की प्राप्ति के लिये पार्टी (आर.एम.पी.आई.) द्वारा जहां भरपूर यत्न जारी हैं, वहीं अपनी शक्ति के अनुरूप जनआंदोलनों का भी निर्माण किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में, केरल में, सी.पी.आई.(एम) द्वारा हमारे ऊपर प्राणघातक आक्रमण करने एवं हमें तोडऩे की कोशिशें अत्यंत खेदजनक हैं। वाम शक्तियों की एकता को छिन्न-भिन्न करने वाली इस पहुंच के विरुद्ध हमने विगत 21 फरवरी को सी.पी.आई.(एम) के दिल्ली स्थित कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया है। ऐसी स्थिति के चलते पार्टी केंद्रीय कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि इस बार का अर्तराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को, केरल के साथियों के साथ हुई ज्यादतियों के विरोध में ‘‘केरल एकजुटता दिवस’’ के तौर पर मनाया जाएगा।
एक अन्य निर्णय यह भी लिया गया कि मोदी की साम्राज्यवादियों के साथ बढ़ती जा रही घनिष्ठता, देश की एकता अखंडता के लिये घातक उसकी सांप्रदायिक साजिशों एवं लोगों को तबाह करने वाली कारपोरेट पक्षीय नीतियों के खिलाफ 23 से 31 मार्च तक देश भर में विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किये जाएंगे।
साथी पासला ने कहा कि आरएमपीआई महसूस करती है कि संघ परिवार के निरंतर बढ़ रहे फासीवादी कुकृत्यों एवं मोदी सरकार की साम्राज्यवाद निर्देशित नवउदारवादी नीतियों के चलते मेहनतकश वर्गों की दिनों दिन विकराल रूप धारण करती जा रही मुसीबतों के खिलाफ वाम एवं जनवादी शक्तियों की एकजुटता आज की सब से बड़ी जरूरत है। उक्त उद्देश्य की प्राप्ति के लिये पार्टी (आर.एम.पी.आई.) द्वारा जहां भरपूर यत्न जारी हैं, वहीं अपनी शक्ति के अनुरूप जनआंदोलनों का भी निर्माण किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में, केरल में, सी.पी.आई.(एम) द्वारा हमारे ऊपर प्राणघातक आक्रमण करने एवं हमें तोडऩे की कोशिशें अत्यंत खेदजनक हैं। वाम शक्तियों की एकता को छिन्न-भिन्न करने वाली इस पहुंच के विरुद्ध हमने विगत 21 फरवरी को सी.पी.आई.(एम) के दिल्ली स्थित कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया है। ऐसी स्थिति के चलते पार्टी केंद्रीय कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि इस बार का अर्तराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को, केरल के साथियों के साथ हुई ज्यादतियों के विरोध में ‘‘केरल एकजुटता दिवस’’ के तौर पर मनाया जाएगा।
एक अन्य निर्णय यह भी लिया गया कि मोदी की साम्राज्यवादियों के साथ बढ़ती जा रही घनिष्ठता, देश की एकता अखंडता के लिये घातक उसकी सांप्रदायिक साजिशों एवं लोगों को तबाह करने वाली कारपोरेट पक्षीय नीतियों के खिलाफ 23 से 31 मार्च तक देश भर में विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किये जाएंगे।